मेरी मोहब्बत बस कागज़ में रहती हैं
जहा दिल की जगह चेहरा देखा जाता हैं
जाति देखी जाती हैं, मज़हब देखा जाता हैं
चंद सिक्कों में इंसान तो क्या ईमान ख़रीदे जाते हैं
झूठी इज्ज़त के नाम पर अपना खून बहाया जाता हैं
जहा भावनाएं गुज़रे ज़माने के खिलोने के सिवा कुछ नहीं
रिश्ते समझोते का मुखोटे ओड़ी कठपुतलियों से बढकर नहीं
परम्परायों के नाम पर पुराने ढकोसलो को ढोया जाता हैं
किसी की झोली भरी, तो किसी की खाली करी जाती हैं
इस मतलब परस्त दुनिया में
मेरी मोहब्बत बस कागज़ में रहती हैं