Tuesday, January 12, 2010

तू अब भी मेरे पास रहती हैं
महकते उजालों में, अनजान अंधेरों में
उगती सुबहों में, डूबती शामों में
तू अब भी मेरे पास रहती हैं

खामोश ख्याबों में मुझे चुपके से छेड़ जाती हैं तू
पर जब देखूं तो दूर तक परछाईं नज़र आती हैं मुझे
बनके आंसूं ग़मों में भी साथ निभाती हैं तू
और हंसूं तो एक भीनी खुशबु तेरा एहसास कराती हैं मुझे

खुली आँखों से ना सहीं पर बंद
आँखों से तू ही तू नज़र आती हैं मुझे
और दिल से एक ही आवाज सुने देती हैं मुझे
तू अब भी मेरे पास रहती हैं
तू अब भी मेरे पास रहती हैं .......

2 comments:

  1. sacche aashiq ke dil se nikli hai ye aawaaj...
    wah taj....wah taj.. :P

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  2. ha ha ha very funny Chiru...........love u darling

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