Friday, October 29, 2010

Dost

कभी कभी तकिये पर किसी अजनबी से मुलाकात होती हैं
कुछ देर बातें करने के बाद पहचान पूरानी मालूम पड़ती हैं
थोडा कुरेदने पर जनाब की दिल की बात उजागर होती हैं
पता लगता हैं दोस्त तो हैं पर नाराज़गी बरसो पूरानी हैं
लाख कोशिशों के बाद भी चेहरा पहचाना नहीं जाता
भागती ज़िन्दगी में नाराज दोस्तों की भीड़ बढती जा रही हैं

जब भी उसको देखने को मूह करता हूँ
जाने क्या सोचकर मूह फेर लेता हैं वो
नाक कान आँखों का तो पता नहीं पर
कद काठी कुछ देखी सी मालूम पड़ती हैं
याद आ रहे हैं वो फुर्सत भरे पल
जब बातों बातों में अक्सर पीछे देख लिया करता था
और साया था या दोस्त हरदम
जिसे अपने पास पाया करता था......
-पंथी 

Friday, October 1, 2010

Uska Shehar

आज भी उस शहर के चक्कर लगा आता हूँ
वो बाजारों वो ठेलो वो दुकानदारों से मुलाक़ात कर आता हूँ
मेरा हाथ हाथ में लेकर जिन राहों को गौर से देखा तुने
उन राहों पर ज़न्नत को धुन्दती निगाहों में कुछ तो अपनापन आज भी हैं

वो दुकाने जहा से तू अपने लिए रेशम ख़रीदा करती थी
पर सजा रेशम आज भी तेरी मौजूदगी की निशानी ही तो हैं
अलग अलग रिश्तों के लिए कुछ न कुछ खरीद भी लेता हूँ
की उन दुपट्टों की भीड़ में रुसवाई से डरता चेहरा उस ख़ास का ही हैं

पर शायद तू भी इस शहर को, इन गलियों को छोड़ चुकी हैं
वो कलियाँ जो कभी तेरी खुशबु से गुलज़ार रहा करती थी
इस मौसम इ बहार में तेरी बेरुखी बयां कर रही हैं
मेरा पैगाम देना तो दूर तेरे ज़िक्र पर ही जोर से हंसती मालूम पड़ती हैं

वो मकान जिसके नीचे बैठकर घंटों तेरे आने का इंतज़ार किया करता था
से आज भी तेरी खोज खबर लेने कभी  कभार आ जाया करता हूँ मैं
मेरे बिना कुछ पूछे ही तेरे न जाने कितने किस्से सुनाता हैं मुझे
न वो बताता न मैं पूछता, पर मकानों के पते बदले भी एक उम्र हो चुकी हैं

जाते जाते बस इन पूरानी राहों से वादे लेकर जाता हूँ
की कभी कोई पलट कर मेरा पता पूछे तो यहीं कहना
इन्ही राहों पर काटीं हैं उम्र किया हैं सफ़र तमाम
यहीं सोचकर की किसी मोड़ पर तुझे मेरा इंतज़ार आज भी हैं

Sunday, May 9, 2010

kuch fursat ke pal........

इस भागती ज़िन्दगी में कुछ लम्हे फुर्सत के चाहता हूँ
वो बेफिक्री के दिन फिर से जीना चाहता हूँ
तपती धुप में आसमान को टकटकी लगा देखना
वो कटी पतंग की डोर हाथ में आने के बाद
मिली ख़ुशी को ख़ुशी से बयान न कर पाना
बारिश से पहले काले बादलों के आने पर
बिज़ली से भी तेज आवाज में सबको बताना
न सर्दी न कपड़ो की चिंता, बस भीगते रहना
अब तोह बारिश का पता सडको पर लगे जाम से लगता हैं
बारिश के मज़े का तो पता नहीं पर
भागती ज़िन्दगी के रुक जाने का डर लगता हैं
वो दोस्तों की ख़ुशी में दिल से खुश होना
हर गम से बेखबर, हर तरफ ख़ुशी बिखेरना
अब तो हर ख़ुशी में एक गम छुपा लगता हैं
हँसते हैं हम पर अन्दर कोई अपना रोता लगता हैं

Friday, March 12, 2010

what's ur role in my life

रातों में नींद खो जाती हैं
आँखों में ख्याब ठहर जाते हैं
जब तुम आते हो सामने
एक पल में दुनिया बदल जाती हैं
महकती हवा खुशबु तेरी लाती हैं
खिलते फूल में दिखाई तू देती हैं
जो हंसती हैं तू कहीं आस पास
तो दिल पर जैसे बिजली सी गिर जाती हैं
पूनम की रात में चांदनी बन जाती हैं
बरसो की धुप के बाद बरसी बारिश की पहलों बूँद बन जाती हैं
'शायद मैं कभी यह बयान न कर पायुं
पर रूकती हैं कभी मेरी साँसें
तो तू मेरे लिए ज़िन्दगी बन जाती हैं 

Sunday, February 14, 2010

Maut

कभी तेरा नाम सोचकर डर जाया करता था मैं
अब तेरे ज़िक्र पर सोच में पढ़ जाता हूँ मैं
तू हंसती होगी खेलती होगी
या एक बच्चे की तरह लडती झगडती होगी
मुझे देखकर प्यार से गले लगाएगी या
इठलाकर मूह फेर लेगी तू
जो भी हो इतना तो यकीन हैं मुझको
की एक न एक दिन मुलाक़ात तो होगी तुझसे
और जैसी भी हो गोरी काली
ज़िन्दगी की तरेह मेरा दामन न छोड़ेगी तू
और हाथ पकड़ अपने साथ ले जायेगी तू

Tuesday, January 12, 2010

Everytime i hear you, can't control thinking about you
Everytime I see u, feels that I'am losing myself
Whenever i meet u, I know it can't be anything but love
But deep inside my heart, I know that it's not true
As love can not be completed till it is reciprocated
Untill that time it is illusion nothing else
No matter how much i hate this feeling
But I wanna die with this illusion
May be I'AM IN LOVE
तू अब भी मेरे पास रहती हैं
महकते उजालों में, अनजान अंधेरों में
उगती सुबहों में, डूबती शामों में
तू अब भी मेरे पास रहती हैं

खामोश ख्याबों में मुझे चुपके से छेड़ जाती हैं तू
पर जब देखूं तो दूर तक परछाईं नज़र आती हैं मुझे
बनके आंसूं ग़मों में भी साथ निभाती हैं तू
और हंसूं तो एक भीनी खुशबु तेरा एहसास कराती हैं मुझे

खुली आँखों से ना सहीं पर बंद
आँखों से तू ही तू नज़र आती हैं मुझे
और दिल से एक ही आवाज सुने देती हैं मुझे
तू अब भी मेरे पास रहती हैं
तू अब भी मेरे पास रहती हैं .......
Whenever I feel coming closure to god
a tear comes from the corner of my eyes
to make me realise that I'am still a human

Whenever i feel free to fly
I see the people struggling for even their existence
a tear comes from the corner of my eyes.........

Whenever i feel depressed,
I keep looking for someone to console me
a tear comes from the corner of my eyes
to make me feel that it is always thee for me

But now as everytime i wants to cry,
I look at the corner of my eye to
search for that little tear,
who has also left me like all the love ones.......

तेरी तस्वीर बस मुझे देखती हैं

तू हंसती हैं खेलती हैं

लडती हैं झगडती हैं

मैं चुप चुप कर कभी तेरी आँखों

कभी गालों और कभी होंठों को देखता हूँ

पर तेरी तस्वीर बस मुझे देखती हैं

लहराती जुल्फ कभी चेहरे पर

तो कभी आँखों पर आती हैं

हाथ से जुल्फ सरकाने का ख्याल तो आता हैं

पर ख्याल बस ख्याल बन कर रह जाता हैं

तेरी तस्वीर बस मुझे देखती हैं

एक ख्याल

यूँ तोह ज़िन्दगी पहले भी हसीं कम न थी
सभी कुछ था पर तुझसे मिलने की बेकरारी न थी

चलते थे कदम अनजान राहो पर
कुछ सुनकर रुक जाया करते थे
राहें थी, मंजिलें थी, पर मंजिलों की जुस्तज़ूं न थी
सभी कुछ था पर तुझसे मिलने की बेकरारी न थी

ख्याबों को तेरे ख्यालों के रंग से
गुलज़ार करने की कोशिश किया करते थे
ख्याब थे रंग थे पर ख्याबों की ताबीर न थी
सभी कुछ था पर तुझसे मिलने की बेकरारी न थी