Wednesday, August 10, 2011

आम का पेड़

बचपन में मेरी एक आम के पेड़ से दोस्ती थी
मेरी जैसे उसके और भी बहुत से दोस्त थे
पर मैं उनकी तरेह उससे कुछ नहीं मांगता था
वो तो वो ही दो चार आम मुझे दे दिया करता था
जब मैं थक कर उसकी गोद में सो जाया करता था
उसके बाकी दोस्त मुझसे इस बात पर चिड़ते थे की
क्यों वो अपना सबसे मीठा फल मुझे ही देता हैं
सबको लगता था मैं उसका लाडला हूँ
पर सहीं जवाब न उन्हें पता था न मुझे

अब इस बात को बरसो बीत चुके हैं
सब अपनी ज़िन्दगी में मशरूफ हो चुके हैं
हर तरफ कंक्रीट के जंगल बनते जा रहे हैं
पर जब कभी मैं उस तरफ से गुज़रता हूँ
तो मुझे उस आम के पेड़ से नज़र बचा निकलना पड़ता हैं
क्योंकि मुझे देख वो भोलेपन से एक ही सवाल करता हैं

दोस्त मैं अपनी दोस्ती की कीमत तो नहीं मांगता बस
इतना पूछना चाहता हूँ,
क्या मैं तुम्हें एक और बरस मीठा फल दे पायूँगा ???

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